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24 वहाँ उन्होंने एक इस्राएली के साथ अन्याय से भरा व्यवहार होते देख उसकी रक्षा की तथा सताए जाने वाले के बदले में मिस्रवासी की हत्या कर दी. 25 उनका विचार यह था कि उनके इस काम के द्वारा इस्राएली यह समझ जाएँगे कि परमेश्वर स्वयं उन्हीं के द्वारा इस्राएलियों को मुक्त करा रहे हैं किन्तु ऐसा हुआ नहीं. 26 दूसरे दिन जब उन्होंने आपस में लड़ते हुए दो इस्राएलियों के मध्य यह कहते हुए मेल-मिलाप का प्रयास किया, ‘तुम भाई-भाई हो, क्यों एक दूसरे को आहत करना चाह रहे हो?’

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