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“इसलिए वह कसदियों के देश को छोड़कर हारान नगर में बस गए. इसके बाद उनके पिता की मृत्यु के बाद, परमेश्वर उन्हें इस भूमि पर ले आए जिस पर आप निवास कर रहे हैं. परमेश्वर ने उन्हें इस भूभाग का कोई उत्तराधिकार नहीं दिया; यहाँ तक कि पैर रखने का भी स्थान नहीं. किन्तु परमेश्वर ने उनके उस समय निःसन्तान होने पर भी उनसे यह प्रतिज्ञा की कि उनके बाद वह उनके वंशजों को यह भूमि उनकी सम्पत्ति के रूप में प्रदान करेंगे. आगे परमेश्वर ने यह भी कहा: ‘तुम्हारे वंशज विदेश में प्रवासी और दास बनाए जाएँगे तथा उन पर चार सौ वर्ष तक अत्याचार किया जाता रहेगा.

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