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यहाँ तक कि पैर रखने का भी स्थान नहीं. किन्तु परमेश्वर ने उनके उस समय निःसन्तान होने पर भी उनसे यह प्रतिज्ञा की कि उनके बाद वह उनके वंशजों को यह भूमि उनकी सम्पत्ति के रूप में प्रदान करेंगे. आगे परमेश्वर ने यह भी कहा: ‘तुम्हारे वंशज विदेश में प्रवासी और दास बनाए जाएँगे तथा उन पर चार सौ वर्ष तक अत्याचार किया जाता रहेगा. जिस किसी राष्ट्र के द्वारा वे उत्पीड़ित किए जाएँगे मैं उसे दण्ड दूँगा,’ ‘इसके बाद वे वहाँ से निकल आएंगे तथा इसी स्थान पर मेरी आराधना करेंगे.’

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