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शाऊल का परिवर्तन

इस समय शाऊल पर प्रभु के शिष्यों को धमकाने तथा उनकी हत्या करने की धुन छायी हुई थी. वह महायाजक के पास गया और उनसे दमिश्क नगर के यहूदी सभागृहों के लिए इस उद्धेश्य के अधिकार पत्रों की विनती की कि यदि उसे इस मत के शिष्य—स्त्री या पुरुष—मिलें तो उन्हें बन्दी बना कर येरूशालेम ले आए.

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