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एक पीड़ित व्यक्ति की उस समय की प्रार्थना। जब वह अपने को टूटा हुआ अनुभव करता है और अपनी वेदनाओं कष्ट यहोवा से कह डालना चाहता है।

यहोवा मेरी प्रार्थना सुन!
    तू मेरी सहायता के लिये मेरी पुकार सुन।
यहोवा जब मैं विपत्ति में होऊँ मुझ से मुख मत मोड़।
    जब मैं सहायता पाने को पुकारूँ तू मेरी सुन ले, मुझे शीघ्र उत्तर दे।

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