Add parallel Print Page Options

हे यहोवा, हमें तू स्वतंत्र कर दे,
    अब तू हमें मरुस्थल के जल से भरे हुए जलधारा जैसा बना दे।
जब हमने बीज बोये, हम रो रहे थे,
    किन्तु कटनी के समय हम खुशी के गीत गायेंगे!
हम बीज लेकर रोते हुए खेतों में गये।
    सो आनन्द मनाने आओ क्योंकि हम उपज के लिए हुए आ रहे हैं।

Read full chapter