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34 हे यहोवा, मुझको सिखा कि युद्ध मैं कैसे लडूँ?
    वह मेरी भुजाओं को शक्ति देता है जिससे मैं काँसे के धनुष की डोरी खींच सकूँ।

35 हे परमेश्वर, अपनी ढाल से मेरी रक्षा कर।
    तू मुझको अपनी दाहिनी भुजा से
    अपनी महान शक्ति प्रदान करके सहारा दे।
36 हे परमेश्वर, तू मेरे पाँवों को और टखनों को दृढ़ बना
    ताकि मैं तेजी से बिना लड़खड़ाहट के बढ़ चलूँ।

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