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यहोवा ने इस धरती को जल पर रचा है।
    उसने इसको जल—धारों पर बनाया।

यहोवा के पर्वत पर कौन जा सकता है?
    कौन यहोवा के पवित्र मन्दिर में खड़ा हो सकता है और आराधना कर सकता है?
ऐसा जन जिसने पाप नहीं किया है,
    ऐसा जन जिसका मन पवित्र है,
ऐसा जन जिसने मेरे नाम का प्रयोग झूठ को सत्य प्रतीत करने में न किया हो,
    और ऐसा जन जिसने न झूठ बोला और न ही झूठे वचन दिए हैं।
    बस ऐसे व्यक्ति ही वहाँ आराधना कर सकते हैं।

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