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दाऊद का एक गीत।

धन्य है वह जन जिसके पाप क्षमा हुए।
    धन्य है वह जन जिसके पाप धुल गए।
धन्य है वह जन
    जिसे यहोवा दोषी न कहे,
    धन्य है वह जन जो अपने गुप्त पापों को छिपाने का जतन न करे।

हे परमेश्वर, मैंने तुझसे बार बार विनती की,
    किन्तु अपने छिपे पाप तुझको नहीं बताए।
    जितनी बार मैंने तेरी विनती की, मैं तो और अधिक दुर्बल होता चला गया।

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