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19 मेरे मिथ्यावादी शत्रु हँसते नहीं रहेंगे।
    सचमुच मेरे शत्रु अपनी छुपी योजनाओं के लिए दण्ड पाएँगे।
20 मेरे शत्रु सचमुच शांति की योजनाएँ नहीं रचते हैं।
    वे इस देश के शांतिप्रिय लोगों के विरोध में छिपे छिपे बुरा करने का कुचक्र रच रहे हैं।
21 मेरे शत्रु मेरे लिए बुरी बातें कह रहे हैं।
    वे झूठ बोलते हुए कह रहे हैं, “अहा! हम सब जानते हैं तुम क्या कर रहे हो!”

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