Add parallel Print Page Options

17-18 मैंने उसकी विनती की।
    मैंने उसका गुणगान किया।
मेरा मन पवित्र था,
    मेरे स्वामी ने मेरी बात सुनी।
19 परमेश्वर ने मेरी सुनी।
    परमेश्वर ने मेरी विनती सुन ली।
20 परमेश्वर के गुण गाओ।
    परमेश्वर ने मुझसे मुँह नहीं मोड़ा। उसने मेरी प्रार्थना को सुन लिया।
    परमेश्वर ने निज करूणा मुझपर दर्शायी।

Read full chapter