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14 परमेश्वर ने जब सल्मूल पर्वत पर शत्रु राजाओं को बिखेरा,
    तो वे ऐसे छितराये जैसे हिम गिरता है।
15 बाशान पर्वत, महान पर्वत है,
    जिसकी चोटियाँ बहुत सी हैं।
16 बाशान पर्वत, तुम क्यों सिय्योन पर्वत को छोटा समझते हो
    परमेश्वर उससे प्रेम करता है।
    परमेश्वर ने उसे वहाँ सदा रहने के लिए चुना है।

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