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परमेश्वर के गीत गाओ। उसके नाम का गुणगान करों।
    परमेश्वर के निमित राह तैयार करों।
निज रथ पर सवार होकर, वह मरूभूमि पार करता।
    याह के नाम का गुण गाओ!
परमेश्वर अपने पवित्र मन्दिर में,
    पिता के समान अनाथों का और विधवाओं का ध्यान रखता है।
जिसका कोई घर नहीं होता, ऐसे अकेले जन को परमेश्वर घर देता है।
    निज भक्तों को परमेश्वर बंधन मुक्त करता है। वे अति प्रसन्न रहते हैं।
    किन्तु जो परमेश्वर के विरूद्ध होते, उनको तपती हुयी धरती पर रहना होगा।

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