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“कुमुदिनी” नामक धुन पर संगीत निर्देशक के लिए दाऊद का एक भजन।

हे परमेश्वर, मुझको मेरी सब विपतियों से बचा!
    मेरे मुँह तक पानी चढ़ आया है।
कुछ भी नहीं है जिस पर मैं खड़ा हो जाऊँ।
    मैं दलदल के बीच नीचे धँसता ही चला जा रहा हूँ।
मैं नीचे धंस रहा हूँ।
    मैं अगाध जल में हूँ और मेरे चारों तरफ लहरें पछाड़ खा रही है। बस, मैं डूबने को हूँ।
सहायता को पुकारते मैं दुर्बल होता जा रहा हूँ।
    मेरा गला दु:ख रहा है।
मैं बाट जोह रहा हूँ तुझसे सहायता पाने
    और देखते—देखते मेरी आँखें दु:ख रही है।

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