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17 अपने दास से मत मुख मोड़।
    मैं संकट में पड़ा हूँ! मुझको शीघ्र सहारा दे।
18 आ, मेरे प्राण बचा ले।
    तू मुझको मेरे शत्रुओं से छुड़ा ले।
19 तू मेरा निरादर जानता है।
    तू जानता है कि मेरे शत्रुओं ने मुझे लज्जित किया है।
    उन्हें मेरे संग ऐसा करते तूने देखा है।

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