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मैं अतीत की बातें सोचते रहा।
    बहुत दिनों पहले जो बातें घटित हुई थी उनके विषय में मैं सोचता ही रहा।
रात में, मैं निज गीतों के विषय़ में सोचता हूँ।
    मैं अपने आप से बातें करता हूँ, और मैं समझने का यत्न करता हूँ।
मुझको यह हैरानी है, “क्या हमारे स्वमी ने हमे सदा के लिये त्यागा है
    क्या वह हमको फिर नहीं चाहेगा

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