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17 यदि यहोवा मेरा सहायक नहीं होता,
    तो मुझे शब्द हीन (चुपचुप) होना पड़ता।
18 मुझको पता है मैं गिरने को था,
    किन्तु यहोवा ने भक्तों को सहारा दिया।
19 मैं बहुत चिंतित और व्याकुल था,
    किन्तु यहोवा तूने मुझको चैन दिया और मुझको आनन्दित किया।

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