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अरे ओ दुष्ट जनों तुम बुद्धिहीन हो।
    तुम कब अपना पाठ सीखोगे?
अरे ओ दुर्जनों तुम कितने मूर्ख हो!
    तुम्हें समझने का जतन करना चाहिए।
परमेश्वर ने हमारे कान बनाएँ हैं, और निश्चय ही उसके भी कान होंगे।
    सो वह उन बातों को सुन सकता है, जो घटिन हो रहीं हैं।
परमेश्वर ने हमारी आँखें बनाई हैं, सो निश्चय ही उसकी भी आँख होंगी।
    सो वह उन बातों को देख सकता है, जो घटित हो रही है।
10 परमेश्वर उन लोगों को अनुशासित करेगा।
    परमेश्वर उन लोगों को उन सभी बातों की शिक्षा देगा जो उन्हें करनी चाहिए।

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