Add parallel Print Page Options

16 और उन्हें चेतावनी दी कि इस विषय में वे किसी से वर्णन न करें कि वह कौन हैं. 17 यह भविष्यद्वक्ता यशायाह द्वारा की गई इस भविष्यवाणी की पूर्ति थी:

18 यही है मेरा चुना हुआ सेवक,
    मेरा प्रियपात्र,
जिसमें मेरे प्राण को पूरा सन्तोष है.
    मैं उसे अपने आत्मा से भरा करूँगा
    और वह अन्यजाति में न्याय की घोषणा करेगा.

Read full chapter