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42 न्याय-दिवस पर दक्षिण की रानी इस पीढ़ी के साथ खड़ी होगी और इसे धिक्कारेगी क्योंकि वह पृथ्वी के छोर से यात्रा कर राजा शलोमोन के ज्ञान को सुनने आई थी; किन्तु यहाँ तो वह है, जो राजा शलोमोन से भी बढ़कर है.

43 “जब दुष्टात्मा किसी व्यक्ति में से बाहर आ जाती है, वह निवास-स्थान की खोज में सूखे स्थानों में फिरती है, किन्तु उसे निवास-स्थान प्राप्त नहीं हो पाता. 44 तब वह सोचती है कि मैं जिस निवास-स्थान को छोड़ कर आयी थी, वहीं लौट जाऊँ. वह वहाँ लौट कर उसे खाली, साफ़ और सुथरा पाती है.

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