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28 “स्वामी ने उत्तर दिया, ‘यह काम शत्रु का है.’

“तब सेवकों ने उससे पूछा, ‘क्या आप चाहते हैं कि हम इन्हें उखाड़ फेंकें?’

29 “उस व्यक्ति ने उत्तर दिया, ‘नहीं, ऐसा न हो कि जंगली पौधे उखाड़ते हुए तुम गेहूं भी उखाड़ डालो. 30 गेहूं तथा जंगली पौधों को कटनी तक साथ-साथ बढ़ने दो. उस समय मैं मज़दूरों को आज्ञा दूँगा, जंगली पौधे इकट्ठा कर उनकी पूलियाँ बान्ध दो कि उन्हें जला दिया जाए किन्तु गेहूं मेरे खलिहान में इकट्ठा कर दो.’”

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