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19 तुम्हें मैं स्वर्ग-राज्य की कुंजियाँ सौंपूँगा. जो कुछ पृथ्वी पर तुम्हारे द्वारा इकट्ठा किया जाएगा, वह स्वर्ग में भी इकट्ठा होगा और जो कुछ तुम्हारे द्वारा पृथ्वी पर खुलेगा, वह स्वर्ग में भी खुलेगा.”

20 इसके बाद येशु ने शिष्यों को सावधान किया कि वे किसी पर भी यह प्रकट न करें कि वही मसीह हैं.

दुःखभोग और क्रूस की मृत्यु की पहिली भविष्यवाणी

(मत्ति 16:21-28; मारक 8:31; 9:1; लूकॉ 9:21-27)

21 इस समय से येशु ने शिष्यों पर यह स्पष्ट करना प्रारम्भ कर दिया कि उनका येरूशालेम नगर जाना, पुरनियों, प्रधान याजक और शास्त्रियों द्वारा उन्हें यातना दिया जाना, मार डाला जाना तथा तीसरे दिन मरे हुओं में से जीवित किया जाना अवश्य है.

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