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18 येशु ने उस प्रेत को फटकारा और वह उस बालक में से निकल गया और बालक उसी क्षण स्वस्थ हो गया.

19 जब येशु अकेले थे तब शिष्य उनके पास आए और उनसे पूछने लगे, “प्रभु! हम उस प्रेत को निष्कासित क्यों न कर सके?”

20 “अपने विश्वास की कमी के कारण,” येशु ने उत्तर दिया, “एक सच मैं तुम पर प्रकट कर रहा हूँ: यदि तुममें राई के एक बीज के तुल्य भी विश्वास है और तुम इस पर्वत को आज्ञा दो, ‘यहाँ से हट जा!’ तो यह पर्वत यहाँ से हट जाएगा—असम्भव कुछ भी न होगा.

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