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20 “अपने विश्वास की कमी के कारण,” येशु ने उत्तर दिया, “एक सच मैं तुम पर प्रकट कर रहा हूँ: यदि तुममें राई के एक बीज के तुल्य भी विश्वास है और तुम इस पर्वत को आज्ञा दो, ‘यहाँ से हट जा!’ तो यह पर्वत यहाँ से हट जाएगा—असम्भव कुछ भी न होगा.

21 “यह जाति बिना प्रार्थना और उपवास के बाहर नहीं निकाली जा सकती.”[a]

दुःखभोग और क्रूस की मृत्यु की दूसरी भविष्यवाणी

(मारक 9:30-32; लूकॉ 9:44-45)

22 जब वे गलील प्रदेश में इकट्ठा हो रहे थे, येशु ने उनसे कहा, “अब मनुष्य का पुत्र मनुष्यों के हाथों में पकड़वा दिए जाएगा.

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Footnotes

  1. 17:21 कुछ प्राचीनतम पाण्डुलिपियों मूल हस्तलेखों में 21 पद पाया नहीं जाता.