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25 यह मालूम होने पर कि उसके पास कर्ज़ चुकाने का कोई साधन नहीं है, स्वामी ने आज्ञा दी कि उसे उसकी पत्नी, बालकों तथा सारे सम्पत्ति सहित बेच दिया जाए कि कर्ज़ चुकाया जा सके.

26 “इस पर वह दास अपने स्वामी के सामने भूमि पर दण्डवत् हो उससे विनती करने लगा, ‘कृपया थोड़ा धीरज रखें, मैं सब कुछ चुका दूँगा.’ 27 उसके स्वामी ने दया से भरकर उसे मुक्त करके उसका सारा कर्ज़ क्षमा कर दिया.

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