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यदि तुम्हारी आँख के कारण तुम्हें ठोकर लगे तो उसे निकाल फेंको. तुम्हारे लिए भला यही होगा कि तुम मात्र एक आँख के साथ जीवन में प्रवेश करो बजाय इसके कि तुम्हारी दोनों आँख हों और तुम नर्क की आग में फेंके जाओ.

अन्यों को तुच्छ समझने के विषय में चेतावनी

10 “ध्यान रखो कि तुम इन छोटों में से किसी को तुच्छ दृष्टि से न देखो. मैं तुम्हें बताना चाहता हूँ कि स्वर्ग में इनके स्वर्गदूत इनके लिए मेरे पिता के सामने विनती करने के उद्देश्य से हमेशा उपस्थित रहते हैं. 11 मानव-पुत्र खोए हुओं को बचाने के उद्देश्य से ही आया है.[a]

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Footnotes

  1. 18:11 कुछ प्राचीनतम पाण्डुलिपियों मूल हस्तलेखों में पद 11 नहीं पाया जाता.