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येशु ने उन पर यह सच स्पष्ट किया, “तुम्हारे हृदय की कठोरता के कारण ही मोशेह ने तुम्हारे लिए तुम्हारी पत्नी से तलाक की अनुमति दी थी. प्रारम्भ ही से यह प्रबंध नहीं था. तुमसे मेरा कहना है कि जो कोई व्यभिचार के अतिरिक्त किसी अन्य कारण से अपनी पत्नी से तलाक कर लेता और अन्य स्त्री से विवाह करता है, वह व्यभिचार करता है.”

10 शिष्यों ने येशु से कहा, “यदि पति-पत्नी का सम्बन्ध ऐसा है तब तो उत्तम यही होगा कि विवाह किया ही न जाए.”

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