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27 तथा तुममें जो कोई श्रेष्ठ होना चाहता है, वह तुम्हारा दास हो. 28 ठीक जैसे मनुष्य का पुत्र यहाँ इसलिए नहीं आया कि अपनी सेवा करवाए परन्तु इसलिए कि सेवा करे और अनेकों की छुडौती के लिए अपना जीवन बलिदान कर दे.”

येरीख़ो नगर में अंधे व्यक्ति

(मारक 10:46-52; लूकॉ 18:35-43)

29 जब वे येरीख़ो नगर से बाहर निकल ही रहे थे, एक बड़ी भीड़ उनके साथ हो ली.

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