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14 मन्दिर में ही, येशु के पास अंधे और लँगड़े आए और येशु ने उन्हें स्वस्थ किया. 15 जब प्रधान याजको तथा शास्त्रियों ने देखा कि येशु ने अद्भुत काम किए हैं और बच्चे मन्दिर में “दाविद की सन्तान की होशान्ना”[a] के नारे लगा रहे हैं, तो वे अत्यन्त गुस्सा हुए.

16 और येशु से बोले, “तुम सुन रहे हो न, ये बच्चे क्या नारे लगा रहे हैं?” “हाँ”.

येशु ने उन्हें उत्तर दिया,

“क्या आपने पवित्रशास्त्र में कभी नहीं पढ़ा,
    बालकों और दूध पीते शिशुओं के मुख से
आपने अपने लिए अपार स्तुति का प्रबन्ध किया है?”

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Footnotes

  1. 21:15 इब्री भाषा के इस शब्द का आशय होता है “बचाइए!” जो यहाँ स्तवन की अभिव्यक्ति के रूप में प्रयुक्त किया गया है.