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28 यह वाचा का[a] मेरा लहू है जो अनेकों की पाप-क्षमा के लिए उण्डेला जा रहा है. 29 मैं तुम पर यह सच प्रकट करना चाहता हूँ कि अब मैं दाखरस उस समय तक नहीं पिऊँगा जब तक मैं अपने पिता के राज्य में तुम्हारे साथ नया दाखरस न पिऊँ.”

30 तब एक भक्ति गीत गाने के बाद वे सब ज़ैतून पर्वत पर चले गए.

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Footnotes

  1. 26:28 कुछ पाण्डुलिपियों मूल हस्तलेखों में: नई वाचा का.