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मत्तियाह 5:25-27
Saral Hindi Bible
मत्तियाह 5:25-27
Saral Hindi Bible
25 “न्यायालय जाते हुए मार्ग में ही अपने दुश्मन से मित्रता का सम्बन्ध फिर से बना लो कि तुम्हारा दुश्मन तुम्हें न्यायाधीश के हाथ में न सौंपे और न्यायाधीश अधिकारी के और तुम्हें बन्दीगृह में डाला जाए. 26 मैं तुम्हें इस सच से परिचित कराना चाहता हूँ कि जब तक तुम एक-एक पैसा लौटा न दो बन्दीगृह से छूट न पाओगे.
कामुकता के विषय में शिक्षा
27 “तुम्हें यह तो मालूम है कि यह कहा गया था: व्यभिचार मत करो
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Saral Hindi Bible (SHB)
New Testament, Saral Hindi Bible (नए करार, सरल हिन्दी बाइबल) Copyright © 1978, 2009, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.