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शपथ लेने के विषय में शिक्षा

33 “तुम्हें मालूम होगा कि पूर्वजों से कहा गया था: झूठी शपथ मत लो परन्तु प्रभु से की गई शपथ को पूरा करो 34 किन्तु मेरा तुमसे कहना है कि शपथ ही न लो; न तो स्वर्ग की, क्योंकि वह परमेश्वर का सिंहासन है, 35 न पृथ्वी की, क्योंकि वह उनके चरणों की चौकी है, न येरूशालेम की, क्योंकि वह राजाधिराज का नगर है

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