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28 जब येशु ने घर में प्रवेश किया वे अंधे भी उनके पास पहुँच गए. येशु ने उनसे प्रश्न किया, “क्या तुम्हें विश्वास है कि मुझ में यह करने की सामर्थ है?”

उन्होंने उत्तर दिया, “जी हाँ, प्रभु.”

29 तब येशु ने यह कहते हुए उनके नेत्रों का स्पर्श किया, “तुम्हारे विश्वास के अनुसार तुम्हारी इच्छा पूरी हो,” 30 और उन्हें दृष्टि प्राप्त हो गई. येशु ने उन्हें कड़ी चेतावनी दी, “यह ध्यान रखना कि इसके विषय में किसी को मालूम न होने पाए!”

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