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मत्तियाह 9:35-37
Saral Hindi Bible
मत्तियाह 9:35-37
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भीड़ की वेदना
35 येशु नगर-नगर और गाँव-गाँव की यात्रा कर रहे थे. वह उनके यहूदी-सभागृहों में शिक्षा देते, स्वर्ग-राज्य के सुसमाचार का प्रचार करते तथा हर एक प्रकार के रोग और दुर्बलताओं को स्वस्थ करते जा रहे थे. 36 भीड़ को देख येशु का हृदय करुणा से दुःखित हो उठा क्योंकि वे बिन चरवाहे की भेड़ों के समान व्याकुल और निराश थे. 37 इस पर येशु ने अपने शिष्यों से कहा, “उपज तो बहुत है किन्तु मज़दूर कम,
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Saral Hindi Bible (SHB)
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