Add parallel Print Page Options

19 किन्तु उसका भावी पति यूसुफ एक अच्छा व्यक्ति था और इसे प्रकट करके लोगों में उसे बदनाम करना नहीं चाहता था। इसलिये उसने निश्चय किया कि चुपके से वह सगाई तोड़ दे।

20 किन्तु जब वह इस बारे में सोच ही रहा था, सपने में उसके सामने प्रभु के दूत ने प्रकट होकर उससे कहा, “ओ! दाऊद के पुत्र यूसुफ, मरियम को पत्नी बनाने से मत डर क्य़ोंकि जो बच्चा उसके गर्भ में है, वह पवित्र आत्मा की ओर से है। 21 वह एक पुत्र को जन्म देगी। तू उसका नाम यीशु रखना क्य़ोंकि वह अपने लोगों को उनके पापों से उद्धार करेगा।”

Read full chapter