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19 यह कभी नहीं चीखेगा या झगड़ेगा
    लोग इसे गलियों कूचों में नहीं सुनेंगे।
20 यह झुके सरकंडे तक को नहीं तोड़ेगा,
    यह बुझते दीपक तक को नहीं बुझाएगा, डटा रहेगा,
    तब तक जब तक कि न्याय विजय न हो।
21 तब फिर सभी लोग अपनी आशाएँ उसमें बाँधेंगे बस केवल उसी नाम में।”(A)

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