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चार हज़ार से अधिक को भोजन

(मरकुस 8:1-10)

32 तब यीशु ने अपने शिष्यों को पास बुलाया और कहा, “मुझे इस भीड़ पर तरस आ रहा है क्योंकि ये लोग तीन दिन से लगातार मेरे साथ हैं और इनके पास कुछ खाने को भी नहीं है। मैं इन्हें भूखा ही नहीं भेजना चाहता क्योंकि हो सकता है कि कहीं वे रास्ते में ही मूर्छित होकर न गिर पड़ें।”

33 तब उसके शिष्यों ने कहा, “इतनी बड़ी भीड़ के लिए ऐसी बियाबान जगह में इतना खाना हमें कहाँ से मिलेगा?”

34 तब यीशु ने उनसे पूछा, “तुम्हारे पास कितनी रोटियाँ हैं?”

उन्होंने कहा, “सात रोटियाँ और कुछ छोटी मछलियाँ।”

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