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30 फिर वे फ़सह का भजन गाकर जैतून पर्वत पर चले गये।

यीशु का कथन: सब शिष्य उसे छोड़ देंगे

(मरकुस 14:27-31; लूका 22:31-34; यूहन्ना 13:36-38)

31 फिर यीशु ने उनसे कहा, “आज रात तुम सब का मुझमें से विश्वास डिग जायेगा। क्योंकि शास्त्र में लिखा है:

‘मैं गडेरिये को मारूँगा और
    रेवड़ की भेड़ें तितर बितर हो जायेंगी।’(A)

32 पर फिर से जी उठने के बाद मैं तुमसे पहले ही गलील चला जाऊँगा।”

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