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11 यह प्रभु ने किया,
    जो हमारी दृष्टि में अद्भुत है।’”(A)

12 वे यह समझ गये थे कि उसने जो दृष्टान्त कहा है, उनके विरोध में था। सो वे उसे बंदी बनाने का कोई रास्ता ढूँढने लगे, पर लोगों से वे डरते थे इसलिये उसे छोड़ कर चले गये।

यीशु को छलने का प्रयत्न

(मत्ती 22:15-22; लूका 20:20-26)

13 तब उन्होंने कुछ फरीसियों और हेरोदियों को उसे बातों में फसाने के लिये उसके पास भेजा।

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