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21 मनुष्य के पुत्र को तो जाना ही है, जैसा कि उसके बारे में लिखा है। पर उस व्यक्ति को धिक्कार है जिसके द्वारा मनुष्य का पुत्र पकड़वाया जाएगा। उस व्यक्ति के लिये कितना अच्छा होता कि वह पैदा ही न हुआ होता।”

प्रभु का भोज

(मत्ती 26:26-30; लूका 22:15-20; 1 कुरिन्थियों 11:23-25)

22 जब वे खाना खा ही रहे थे, यीशु ने रोटी ली, धन्यवाद दिया, रोटी को तोड़ा और उसे उनको देते हुए कहा, “लो, यह मेरी देह है।”

23 फिर उसने कटोरा उठाया, धन्यवाद किया और उसे उन्हें दिया और उन सब ने उसमें से पीया।

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