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67 जब उसने पतरस को वहाँ आग तापते देखा तो बड़े ध्यान से उसे पहचान कर बोली, “तू भी तो उस यीशु नासरी के ही साथ था।”

68 किन्तु पतरस मुकर गया और कहने लगा, “मैं नहीं जानता या मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि तू क्या कह रही है।” यह कहते हुए वह ड्योढ़ी तक चला गया, और मुर्गे ने बाँग दी।[a]

69 उस दासी ने जब उसे दुबारा देखा तो वहाँ खड़े लोगों से फिर कहने लगी, “यह व्यक्ति भी उन ही में से एक है।”

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Footnotes

  1. 14:68 कुछ यूनानी प्रतियों में “और मुर्गे ने बाँग दी” नहीं है।