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सप्ताह के पहले दिन बड़ी सुबह सूरज निकलते ही वे कब्र पर गयीं। वे आपस में कह रही थीं, “हमारे लिये कब्र के द्वार पर से पत्थर को कौन सरकाएगा?”

फिर जब उन्होंने आँख उठाई तो देखा कि वह बहुत बड़ा पत्थर वहाँ से हटा हुआ है।

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