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20 “और जब मैंने चार हज़ार के लिये सात रोटियों के टुकड़े किये थे तो तुमने कितनी टोकरियाँ भर कर उठाई थीं?”

“सात”, उन्होंने कहा।

21 फिर यीशु ने उनसे कहा, “क्या तुम अब भी नहीं समझे?”

अंधे को आँखें

22 फिर वे बैतसैदा चले आये। वहाँ कुछ लोग यीशु के पास एक अंधे को लाये और उससे प्रार्थना की कि वह उसे छू दे।

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