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मरकुस 9:28-30
Hindi Bible: Easy-to-Read Version
मरकुस 9:28-30
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28 इसके बाद यीशु अपने घर चला गया। अकेले में उसके शिष्यों ने उससे पूछा, “हम इस दुष्टात्मा को बाहर क्यों नहीं निकाल सके?”
29 इस पर यीशु ने उनसे कहा, “ऐसी दुष्टात्मा प्रार्थना के बिना बाहर नहीं निकाली जा सकती थी।”[a]
अपनी मृत्यु के सम्बन्ध में यीशु का कथन
(मत्ती 17:22-23; लूका 9:43-45)
30 फिर उन्होंने वह स्थान छोड़ दिया। और जब वे गलील होते हुए जा रहे थे तो वह नहीं चाहता था कि वे कहाँ हैं, इसका किसी को भी पता चले।
Read full chapterFootnotes
- 9:29 प्रार्थना कुछ यूनानी प्रतियों में “प्रार्थना और उपवास” है।
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
© 1995, 2010 Bible League International