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12 “अन्य राष्ट्रों के लोग तुम्हारे प्रति भले रहेंगे। तम्हारा देश सचमुच आश्चर्यजनक देश होगा।” सर्वशक्तिमान यहोवा यह सब कहता है।

न्याय का विशेष समय

13 यहोवा कहता है, “तुमने मुझसे ओछी बातें कहीं।”

किन्तु तुम पछते हो, “हमने तेरे बारे में क्या कहा?”

14 तुमने कहा, “यहोवा की उपासना व्यर्थ है। हमने वे काम किये जो यहोवा ने करने को कहे, किन्तु हम लोगों को कुछ भी नहीं मिला। हम अपने पापों के लिये वैसे ही दुखी रहे जैसे मैयत में रोते लोग। किन्तु इससे कुछ काम नहीं निकला।

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