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25 तथा आकाश से तारे नीचे गिरने लगेंगे.
    आकाशमण्डल की शक्तियाँ हिलायी जाएँगी.’

26 “तब आकाश में मनुष्य के पुत्र का चिह्न प्रकट होगा. पृथ्वी के सभी कुल दुःखी हो जाएँगे. और वे मनुष्य के पुत्र को आकाश में बादलों पर सामर्थ्य और प्रताप के साथ आता हुआ देखेंगे. 27 मनुष्य का पुत्र अपने स्वर्गदूतों को भेजेगा, जो चारों दिशाओं से, पृथ्वी के एक छोर से आकाश के दूसरे छोर तक जा कर उनके चुने हुओं को इकट्ठा करेंगे.”

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