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तुम युद्ध तथा युद्धों के समाचार सुनोगे, याद रहे कि तुम इससे विचलित न हो जाओ क्योंकि इनका घटित होना ज़रूरी है—किन्तु इसे ही अन्त न समझ लेना. राष्ट्र राष्ट्र के तथा, राज्य राज्य के विरुद्ध उठ खड़ा होगा. हर जगह अकाल पड़ेंगे तथा भूकम्प आएंगे, किन्तु ये सब घटनाएँ. प्रसव-वेदना का प्रारम्भ मात्र होंगी.

“फिर भी चौकस रहना. वे तुम्हें पकड़ कर न्यायालय को सौंप देंगे, यहूदी सभागृहों में तुम्हें कोड़े लगाए जाएँगे, मेरे लिए तुम्हें शासकों तथा राजाओं के सामने प्रस्तुत किया जाएगा कि तुम उनके सामने मेरे गवाह हो जाओ.

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