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63 इस पर महायाजक ने अपने वस्त्र फाड़ते हुए कहा, “अब क्या ज़रूरत रह गई किसी अन्य गवाह की? 64 तुम सभी ने परमेश्वर-निन्दा सुन ली है. क्या विचार है तुम्हारा?”

सबने एक मत से उन्हें मृत्युदण्ड का भागी घोषित किया. 65 कुछ ने उन पर थूकना प्रारम्भ कर दिया. उनकी आँखों पर पट्टी बान्ध कुछ उन्हें घूँसे मारते हुए कहने लगे, “कर भविष्यवाणी!” और प्रहरियों ने उनके मुख पर थप्पड़ भी मारे.

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