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33 मसीह येशु उस व्यक्ति को भीड़ से दूर एकान्त में ले गए. वहाँ उन्होंने उसके कानों में अपनी उँगलियां डालीं. इसके बाद अपनी लार उसकी जीभ पर लगाई. 34 तब एक गहरी आह भरते हुए स्वर्ग की ओर दृष्टि उठा कर उन्होंने उस व्यक्ति को सम्बोधित कर कहा, “एफ़्फ़ाथा!” अर्थात् खुल जा! 35 उस व्यक्ति के कान खुल गए, उसकी जीभ की रुकावट भी जाती रही और वह सामान्य रूप से बातें करने लगा.

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