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अनेक जातियाँ यहाँ आ कर कहेंगी,
    “आओ! चलो, यहोवा के पहाड़ के ऊपर चलें।
    याकूब के परमेश्वर के मन्दिर चलें।
फिर परमेश्वर हमको अपनी राह सिखायेगा
    और फिर हम उसके पथ में बढ़ते चले जायेंगे।”

क्यों क्योंकि परमेश्वर की शिक्षाएँ सिय्योन से आयेंगी
    और यहोवा का वचन यरूशलेम से आयेगा।
परमेश्वर बहुत सी जातियों का न्याय करेगा।
    परमेश्वर उन सशक्त देशों के फैसले करेगा,
जो बहुत—बहुत दूर हैं और फिर वे देश अपनी तलवारें गलाकर
    और पीटकर हल की फाली में बदल लेंगे।
    वे देश अपने भालो को पीटकर ऐसे औजारों मे बदल लेंगे, जिनसे पेड़ों की कांट—छाँट हुआ करती है।
देश तलवारें उठाकर आपस में नहीं लड़ेंगे।
    अब वे युद्ध की विद्याएँ और अधिक नहीं सीखेंगे।
किन्तु हर कोई अपने अंगूरों की बेलों तले
    और अंजीर के पेड़ के नीचे बैठा करेगा।
कोई भी व्यक्ति उन्हें डरा नहीं पायेगा!
    क्यों क्योंकि सर्वशक्तिमान यहोवा ने यह कहा है!

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